Srikanth Movie Review in Hinid: 10 मई को सिनेमाघर में रिलीज होने जा रही बायोग्राफिकल फिल्म श्रीकांत जो की आंध्र प्रदेश के बड़े बिजनेसमैन है। और श्रीकांत बोला कि जीवन पर आधारित है। यह कहानी बहुत ही अद्भुत है क्योंकि श्रीकांत बोला दृष्टि बाधित ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने दम पर हायर एजुकेशन प्राप्त कर एक बड़ा स्टार्टअप खड़ा करने में कामयाब रहे हैं इस फिल्म को डायरेक्ट किया है तुषार हीरानंदानी ने तथा श्रीकांत बोल का मुख्य रोल राजकुमार राव ने किया है । इस फिल्म में ज्योतिका, एफ अलाया, शरद केलकर के साथ-सा द अन्य जाने पहचाने चेहरे दिखाई देंगे।
Key Highlights
- Seikanth Release Date: श्रीकांत 10 मई को सिनेमाघर में रिलीज हो रही है।
- srhikanth Cast: फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में राजकुमार राव जिन्होंने श्रीकांत बोला का रोल किया है। ज्योतिका,एफ अलाया तथा शरद केलकर सहायक कलाकार है।
- ज्योतिका,एफ अलाया तथा शरद केलकर सहायक कलाकार है।
- यह फिल्म दृष्टिबाधित व्यक्ति श्रीकांत बोला के जीवन पर आधारित है।
Srikanth Movie Details
विवरण | जानकारी |
---|---|
फिल्म का नाम | श्रीकांत |
अभिनेता | राजकुमार राव |
सह-कलाकार | ज्योतिका, अलाया एफ, शरद केलकर |
निर्देशक | (अभी घोषित नहीं) |
शैली | जीवनी |
रिलीज़ की तारीख | 10 मई, 2024 |
श्रीकांत मूवी रिव्यु | Srikanth Movie Reveiw in Hinid
राजकुमार राव की फिल्म 10 मई 2024 को सिनेमाघर में रिलीज होने के बाद सिनेमा घरो में अच्छा प्रदर्शन कर रही है फिल्म के डायरेक्टर तुषार हीरानंदिनी फिल्म की कहानी को अच्छे ढंग से फिल्माया है और निर्देशन किया है। अगर बात करे राजकुमार राव की एक्टिंग की तो वह कमाल की है अपने हर फिल्म की तरह राजकुमार राव ने श्रीकांत में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है एक अंधे व्यक्ति का एक्टिंग वह पूरे परफेक्शन से इस तरफ से किया है की वो रियल लगता है राजकुमार राव की एक्टिंग को तो सलूट है।
पूरा फिल्म डायलॉग और इमोशंस से भरे हुए हैं बहुत बार फिल्म में ऐसा मोड़ आता है जब फिल्म इमोशनल कर देती है और कहीं-कहीं पर तो सेंस ऑफ ह्यूमर का कमाल भी दिखता है फिल्म मे एक ही गाना है जिसे अरजीत सिंह ने गाया है।
श्रीकांत फिल्म अगर देखे तो ये समाज के लिए एक आईना है जहां विकलांग लोगों के क्षमताओं को कम में आका जाता है। फिल्म में ऐसे सीन आते हैं जहां श्रीकांत बोलते हैं कि हमारे जैसे लोग दया का पात्र नहीं है बल्कि हमें एजुकेशन और मेहनत करने का मौका चाहिए।
श्रीकांत फिल्म एक इंस्पिरेशनल या फिर कहे तो मोटिवेशनल है। जो आपको आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। एक ऐसा बच्चा जो बचपन से देख नहीं सकता उसके लिए कितना मुश्किल होता होगा पढ़ना ,खेलना और अन्य जिम्मेदारियां को उठाना लेकिन श्रीकांत ने वह सब हासिल किया जो लोगों को लगता था कि वो नहीं हो पाएगा
श्रीकांत के जीवन के संघर्षों की कहानी एक फिल्म में तो नहीं पिरोया जा सकता लेकिन लोगों तक थिएटर के माध्यम से जरूर पहुंचाया जा सकता है।
पब्लिक रिव्यू
फिल्म का रिलीज होने के पहले दिन ही लोगों का फिल्म को लेकर रिएक्शन आने लगा सोशल मीडिया X, इंस्टाग्राम, फेसबुक पर लोगों का रिव्यू फिल्म को लेकर सकारात्मक रहा। लोगों ने राजकुमार राव की तारीफ की और कुछ ने लिखा की कहानी कमजोर है, तो कुछ ने लिखा कि स्क्रीन प्ले में कमी है लेकिन अगर फाइनल रिव्यू देखें तो लगभग 90% से ज्यादा लोगों ने माना है की फिल्म बिल्कुल परफेक्ट है। और देखने लायक है
श्रीकांत कास्ट | Srikanth Cast
कलाकार | किरदार |
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राजकुमार राव | श्रीकांत बोला |
ज्योतिका | देविका मालवदे (श्रीकांत की गुरु) |
अलाया एफ | वीरा स्वाति |
शरद केलकर | रवि मंथा |
Srikanth Trailer | श्रीकांत ट्रेलर
Srikanth Story in Hindi | श्रीकांत फिल्म की कहानी
श्रीकांत फिल्म की कहानी बोलैंट इंडस्ट्रीज के फाउंडर श्रीकांत बोला के जीवन पर आधारित है। श्रीकांत का जन्म आंध्र प्रदेश के सीतारामपुरम के मछलीपट्टनम जिले में हुआ था वह बचपन से ही पढ़ने लिखने में बहुत ही होशियार थे।लेकिन दृष्टि बाधित होने के कारण उन्हें बचपन से कई सारी दिक्कतें आ रही थी उनका शुरुआती एजुकेशन और बच्चों के जैसा बिल्कुल नहीं था। ना ही टीचर्स उन्हे अच्छे ढग से पढा सकते थे और ना ही वह सामान्य तरीके से अपने शिक्षकों से पढ़ सकते थे। श्रीकांत शुरू से ही चाहते थे कि वह और बच्चों के तरह से पढ़ लिख कर वह अपने दम पर जो करना चाहते है उसे हासिल कर सके। उन्हें कभी इस बात का कोई रिग्रेट नहीं था। कि वह दृष्टि बाधित है या वह देख नहीं सकते।
श्रीकांत ने हाई स्कूल परीक्षा 90% से पास किया और इंटरमीडिएट में पढ़ने के लिए उन्होंने जब साइंस सब्जेक्ट चुना तो स्कूल वालों ने साइंस का सब्जेक्ट देने से ही मना कर दिया। साइंस सब्जेक्ट न पाने से वह दुखी नहीं हुए बल्कि इंडियन एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ कोर्ट चले गए। और हाई कोर्ट से जीत मिलाने के बाद स्कूल ने उनको साइंस सब्जेक्ट दिया। 12वी में 98% लाकर उन्होंने सबको चौंका दिया और यह साबित कर कर दिया कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी काम कठिन नहीं होता है। श्रीकांत बोला के जीवन की समस्याएं खत्म नहीं होती हैं उनकी स्कूली एजुकेशन खत्म हो जाने के बाद वे उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे।पर भारत की कोई भी इंस्टिट्यूट एडमिशन देने को तैयार नहीं था। सबका मानना यही था कि एक अंधा व्यक्ति पढ़ाई कैसे कर सकता है।उसे कैसे समझाया जाएगा लेकिन श्रीकांत बोला की इच्छा शक्ति बहुत मजबूत थी इंडिया के किसी भी कॉलेज,यूनिवर्सिटी ने एडमिशन तो नहीं दिया। लेकिन उन्होंने दुनिया के चार सबसे मशहूर यूनिवर्सिटी मे से एक अमेरिका के मशहूर टेक्निकल इंस्टीट्यूट मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी मे अपना आवेदन दिया।
अमेरिका से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी के बाद श्रीकांत के पास दुनिया भर के बड़े-बड़े कंपनियों से अच्छे पैकेज के ऑफर थे। लेकिन उन्होंने अपने देश की सेवा करना उचित समझा और वह अमेरिका में अपनी पढ़ाई पूरी करके भारत लौटे और यह आकर वे अपना बिजनेस को स्टार्ट करते है। बोला अपने इंटरव्यू में कहते हैं कि वह भारत के लिए कुछ करना चाहते थे, वह चाहते थे कि उनके जैसे जो बच्चे हैं उनको वह इंस्पायर करें भारत में विकलांग बच्चे अपने आप को बेसहारा और असहाय न समझे बल्कि अपनी ताकत को पहचाने और वह भी सामान और बच्चों के तरीके से जो चाहे वह कर सकते हैं।इस बात की वह प्रेरणा बनना चाहते थे इसलिए उन्होंने दिन-रात मेहनत किया और एक स्टार्टअप खड़ा किया। जिसमें वह वेस्टेज को रिसाइकल करके नए प्रोडक्ट में चेंज करते हैं और उससे अच्छी प्रॉफिट भी कमाते हैं।2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीकांत बोला की कंपनी पोलैंड ग्रुप में कुल 150 करोड़ का बिजनेस किया था
निष्कर्ष
व्यक्तिगत तौर पर मेरा रिव्यू तो यह है की फिल्म बेहतरीन है आपको इंस्पायर करेगी और कहानी डायलॉग गाने सब कुछ बहुत शानदार है, यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए।
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